- राष्ट्रीय ओबीसी लेखक संघ का हुआ गठन
- कवि रामश्रेष्ठ दीवाना के संपादन में 30 ओबीसी कवियों की कविताएं शीघ्र प्रकाश्य
पटना. हिंदी साहित्य के क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है. दलित साहित्य के बाद अब ओबीसी साहित्य को भी पहचान मिलने लगी है. दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में पीजी हिंदी के पाठ्यक्रम में ओबीसी साहित्य को पिछले दिनों शामिल किया गया है. इसी के मद्देनजर अब भारतीय ओबीसी लेखक संघ की स्थापना की गयी है. 14 मई को पटना में एक बैठक में संघ के गठन का निर्णय लिया गया था. प्रख्यात भाषा वैज्ञानिक, लेखक व प्रोफेसर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह सर्वसम्मति से भारतीय ओबीसी लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं.
इसके अलावा मार्क्सवादी व आंबेडकरवादी कवि व नाटककार रामश्रेष्ठ दीवाना को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष, सुविख्यात कवि प्रोफेसर डॉ. शिवनारायण, प्रख्यात कथाकार जयनंदन, सुपरिचित पत्रकार व लेखक अनिल चमड़िया, प्रख्यात आलोचक प्रोफेसर डॉ. हरिनारायण ठाकुर, प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार कुशवाहा, प्रोफेसर नवीन कुमार यादव को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, चर्चित कवि रमेश प्रजापति को राष्ट्रीय संयोजक, 'किस-किस से लड़ोगे' कविता संग्रह से सुर्ख़ियों में आए कवि पंकज चौधरी को राष्ट्रीय प्रधान महासचिव, प्रख्यात मार्क्सवादी आलोचक प्रोफेसर चौथीराम यादव, चर्चित लेखक रामजी यादव, लेखक सुरेन्द्र कुमार सोनी, वंशीधर सिंह, दीनानाथ यादव को संरक्षक मंडल का सदस्य बनाया गया है. प्रोफेसर डॉ. माया गोला, कवि हरेराम सिंह, करुणा निधि, शंकर प्रलामी, कवयित्री सपना चमड़िया, प्रोफेसर शिवसागर प्रसाद, इंदिरा दांगी, नीलोत्पल रमेश, प्रो. अमर व्याल, मीरतुंज कोयरी, प्रो. प्रवीण कुमार यादव, प्रो. शिव कुशवाहा, प्रो. उर्मिला पाल, प्रोफेसर डॉ. अब्दुल मतीन, पत्रकार जितेन्द्र दत्ता को राष्ट्रीय महासचिव, लता प्रसाद, कुमुद रानी, वरिष्ठ पत्रकार, अध्यापक व कवि डॉ. संतोष सारंग, विकास कुमार यादव, सदानंद पाल, रामनरेश यादव, पत्रकार नवल किशोर, श्रीकांत व्यास, बिनोद कुमार, विवेक आनंद, नेतलाल यादव, प्रोफेसर आशा सिंह, पत्रकार वीरेंद्र कुमार यादव, राजू यादव, मनोज मल्हार, जयप्रकाश फकीरा, गुलजार हुसेन, धर्मेन्द्र कुमार, श्रीधर करुणानिधि, प्रकाश चन्द्रयान, शम्भू सुमन, सत्यनारायण यादव, कुमार अरुण, डॉ. अब्दुल राईन, जितेन्द्र वर्मा, बिनोद बिहारी मंडल को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. जानकारी हो कि देशभर से 30 ओबीसी कवियों की कविताओं का संपादन रामश्रेष्ठ दीवाना ने किया है, जो प्रेस में प्रकाशनार्थ है.
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डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह |